BA Semester-5 Paper-1 Physical Education - Athletic Injuries and Physiotherapy - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 शारीरिक शिक्षा - खेलकूद चोटें एवं कायिक चिकित्सा - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 शारीरिक शिक्षा - खेलकूद चोटें एवं कायिक चिकित्सा

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2805
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 शारीरिक शिक्षा - खेलकूद चोटें एवं कायिक चिकित्सा - सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय - 2

सामान्य खेलों में चोटें

(Common Sports Injuries)

प्रश्न- खेल में चोट से क्या तात्पर्य है। इसके विभिन्न भेदों का वर्णन कीजिए।

अथवा
खेल चोटों के प्रकार को स्पष्ट कीजिए। खेल में चोट लगने के कारण बताइये।

उत्तर -

प्रत्येक दिन करोड़ों लोग खेलों में फुटबॉल से लेकर सौफ्टबॉल व कबड्डी के मैदान में भाग लेते हैं। इसे खेल कहते हैं परन्तु स्पोर्ट गतिविधि खेल से भी ज्यादा है। खेल में भाग लेने हेतु शारीरिक फिटनेस, समन्वय व आत्म अनुशासन की जरूरत पड़ती है जो बच्चों/व्यक्तियों को टीम वर्क सीखने का मौका देती है। खेलों में चोटें भी लगती हैं - कुछ छोटी, कुछ गम्भीर तथा कुछ के कारण सारी उम्र समस्या खड़ी हो जाती है।

गेम्स व स्पोर्टस में भाग लेने वालों में नौजवानों की संख्या अधिक रहती है जो वयस्क हो चुके होते हैं। उनकी हड्डियाँ, पेशियाँ, टेंडन व लिगामेंट अभी बढ़ रहे होते हैं जिनसे उन्हें चोटें आ सकती हैं।

एक ही उम्र के जवान आकार व शारीरिक वयस्कता में अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ नौजवान अपने साथियों से ज्यादा भौतिक रूप से विकसित होते हैं तथा उस स्तर पर खेल का प्रदर्शन करना चाहते हैं जिसके लिए वे तैयार नहीं होते। अतः कोच, अध्यापक और माँ-बाप को दक्षता स्तर व आकार के अनुसार तैयार करना चाहिये। यदि यह सम्भव न हो तो अलग-अलग योग्यता के बच्चों के लिए खेल में कुछ बदलाव लाने चाहिये।

खेल में चोटों के प्रकार - खिलाड़ी की चोटें निम्न वर्गों में बाँटी जा सकती है-

(1) गम्भीर चोटें
(2) ओवरयूज चोटें
(3) आम चोटें

सभी तरह की चोटों में मुलायम टिशू (पेशियाँ व लिंगामेंट) तथा हड्डियों को चोट पहुँचती है।

(1) गंभीर चोटें

नौजवानों में ये सप्रेन (लिंगामेंट का थोड़ा या पूरा टूटना) स्ट्रेन (मांसपेशियों या टेंडन का थोड़ा या पूरा टूटना तथा कानटयूजन तथा फ्रैक्चर शामिल हैं।

(2) ओवरयूज चोटें

सभी चोटें अचानक गिरने व टकराने से नहीं आतीं। अवयस्क शरीर को छोटी चोट भी छोटा फ्रैक्चर या छोटी मांसपेशियों का फटना या हड्डियों में विकृति ओवरयूज चोटें कहलाती हैं। उदाहरणार्थ 'लिटल लीग एलबो' शब्दों को आम ओवरयूज चोट दर्शाने के लिए प्रयोग करते हैं। जिनमें नौजवान थ्रो करने वाले कई गेमों में प्रयोग करते हैं। अन्य चोटें ऐड़ी तथा घुटनों में होती हैं जहाँ लेग बोन या हील बोन के जुड़े टेंडन में चोटें आती हैं।

(3) आम चोटें

खेलों की कुछ आम चोटें हैं- सप्रेन, स्ट्रेन, फ्रैक्चर, डिसलोकेशन, एवरेजन तथा कॉनट्यूजन।

सप्रेन तथा स्ट्रेन - खेलों और शारीरिक गतिविधियों में बहुत आम चोटें हैं इनके कुछ तथ्य इस प्रकार हैं-

सप्रेन क्या है?

सप्रेन लिगामेंट का खिंचाव / टूटना है। लिंगामेंट एक कानेक्टिव उत्तक Connective Tissue का Fibrous Band है जो एक हड्डी के सिरे को दूसरी से जोड़ता है। वे शरीर के जोड़ों को स्थायित्व तथा Support देते हैं। उदाहरणार्थ घुटने का लिंगामेंट ऊपरी टाँग को नीचे की टाँग से जोड़ता है जिससे लोग चल फिर सकते हैं व दौड़ सकते हैं।

स्ट्रेन क्या है?

पेशियों अथवा टेंडन का टविस्ट, खिंचाव या फटना स्ट्रेन कहलाता है। मांसपेशियों को हड्डियों से जोड़ने वाले उत्तकों के Fibrous Cords को Tendon कहते हैं।

सप्रेन और स्ट्रेन के कारण - सप्रेन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष ट्रामा जिसका अर्थ है गिरना या चोट, के कारण होती है जो जोड़ को उसकी जगह से हटा देता है या उसे ओवरस्ट्रेच करता है तथा कुछ केसों में सहायता देने वाले लिंगामेंट को रेपचर (rapture) कर देता है। ऐसा तभी होता है जब व्यक्ति खुली हुई बाजुओं से लैंड करता है, या बेस से स्लाइड करता है या उबड़-खाबड़ जगह पर दौड़ता है।

पुराना सप्रेन ओवरयूज के कारण होता है - लम्बे समय तक (पेशियों और टेंडन की गति ) दोहराते रहना। लम्बी अवधि की सघन ट्रेनिंग में पर्याप्त आराम न करना व ओवरस्ट्रेच या अधिक पेशीय सिकुड़न के कारण होता है। स्पोर्टपर्सन / एथलीट व आम जनता यह चोट सह सकते हैं। इस चोट का रिस्क उन्हें है जिनकी स्ट्रेन व सप्रेन का हिस्ट्री हो व वे ओवरवेट हों तथा शरीर से दुर्बल हों।

सभी खेल गतिविधि में सप्रेन का जोखिम रहता है जो गतिविधि पर निर्भर करता है। जैसे- बास्केट बाल, बॉलीबाल, सोकर में टांग व टखने का रिस्क है। फुटबाल, हॉकी, बॉक्सिंग, रेसलिंग और अन्य में स्ट्रेन का खतरा है, वैसा ही रिस्क तेज़ शुरू होने वाले खेल हरडल रेस, लांग जम्प, दौड़ आदि जिमनास्टिक, टेनिस, रोइंग, गोल्फ में हाथ स्ट्रेन का रिस्क है। रैकेट खेल व थ्रोइंग में कोहनी के स्ट्रेन का खतरा है।

सप्रेन के लक्षण - सप्रेन के निम्न लक्षणों के आधार पर निर्धारित किया जाता है जैसे दर्द Bruising तथा जलन तीनों प्रकार के सप्रेन मध्यम, कम व तीव्र में होता है। व्यक्ति को लगेगाकुछ फट गया है। जब लिंगामेंट पूरी तरह से टूटती है या हड्डी से अलग होती है तब तेज़ दर्द होता है। लिंगामेंट ढीला होने से जोड़ काम करना बन्द कर देता है। कम चोट लगने पर लिंगामेंट आंशिक रूप से टूटते हैं तथा सूजन कम होती है। हल्की चोट पर जोड़ों में ढीलापन नहीं आता।

स्ट्रेन के लक्षण - स्ट्रेन के मुख्य लक्षण हैं दर्द, पेशिय, पेशिय कमज़ोरी सूजन व क्रेम्पिंग। तीव्र स्ट्रेन में पेशियाँ व टेंडन पूरी तरह रेपचर हो जाती हष्टुं और व्यक्ति पर बुरा असर पड़ता है। पेशियों के कुछ कार्य भी प्रभावित होते हैं। कम दर्द की दशा में पेशी / टेंडन कम स्ट्रेच होता है। कुछ आम स्ट्रेन इस प्रकार हैं-

पीठ का स्ट्रेन - रीढ़ को सहायता देने वाली मांसपेशियाँ जब टिविस्ट, खिंचती व टूटती हैं तो पीठ का स्ट्रेन होता है। जो एथलीट ज्यादा कूदते हैं (बास्केटबॉल व बॉलीबाल में ) उन्हें यह चोटें आती हैं।

हेमस्ट्रिंग पेशिय स्ट्रेन - इसमें जाँघ के पेशी में टीयर / स्ट्रेच होता है जो व्यक्ति को 6 महीने तक घर में बिठाकर रख देता है। कारण है - हैमस्ट्रिंग व जाँघ के सामने की पेशी (क्वाडसेप) में असंतुलन होना। फटबॉल किक करते समय, दौड़ते हुए, कूदते हुए, हैमस्ट्रिंग खिंच जाता है। यह चोट बार-बार लगती है।

टखने का सप्रेन - यह सप्रेन बहुत अधिक बार होता है। चोट तब लगती है जब टखने की हड्डियों को जोड़ने वाली मजबूत लिंगामेंट आंशिक रूप से या पूरी तरह टूट जाते हैं। जिन्हें यह होता है वे कहते हैं कि टखना टूट गया है। दर्द के साथ ही सूजन हो जाती है। यदि जल्दी व ठीक से उपचार किया जाय तो सप्रेन ठीक हो सकता है और खिलाड़ी प्रतियोगिता / ट्रेनिंग में कुछ दिनों में ही चला जाता है। यदि टखने के सप्रेन को उपेक्षित कर दिया जाए तो सूजन इतनी बढ़ जाएगी कि एथलीट महीनों तक खेल के मैदान में नहीं लौट पाता।

तीव्रता के आधार पर विशेषज्ञों ने सप्रेन को वर्गीकृत किया है। जितना तीव्र दर्द होगा, उतना सप्रेन अधिक होगा तथा ठीक होने में वक्त अधिक लगेगा। First degree के सप्रेन बहुत अधिक होते हैं। इसमें लिंगामेंट स्ट्रेच होते हैं परन्तु पूरी तरह फटते नहीं।

दूसरी डिग्री के सप्रेन anterior talofibular ligament के आंशिक फटने के कारण होते हैं। सूजन ज्यादा होती है, दर्द अधिक होता है तथा ठीक होने में समय लगता है। तीसरी डिग्री के सप्रेन में ATFL पूरी तरह फटता है।

इस तीन तरह के ऐंकल सप्रेन का ईलाज एक जैसा ही है। टखने को इलास्टिक बेंडेज से दबाए जैसे ace wrap होता है। बर्फ लगाएं तथा टखने को ऊँचा रखें। जैसे भी आराम मिले, एथलीट को क्रचज पर डालें तथा वज़न पड़ने दें। Inflammatory Stage जो शुरू में तीन दिन तक रहती है, में टेपिंग, आइसिंग, ऐलिवेटिंग तथा प्रोटेक्टिंग के बाद, टेपिंग जारी रहे परन्तु गति की रेंज पर काम अब शुरू हो चुका है। एक बार दर्द कम हो जाए तो मजबूती आनी शुरू हो जाती है। यह खुद भी किया जा सकता है या कोच / ट्रेनर या फिजिकल थेरिपेस्टिक की सलाह पर किया जा सकता है। एक बार शक्ति लौट आए तो एथलीट टखने पर चलना शुरू कर देता है फिर जागिंग करता है और विशेष कटिंग/टिवस्टिंग गतिविधियाँ करता है। यदि टखने को शुरू में कुछ दिनों तक सूजा हुआ रहने दिया जाए तो रिकवर होने का समय लम्बा हो जाएगा।

खेल में चोट लगने के कारण - खेल में चोट लगने के निम्नलिखित कारण है-

1. खिलाड़ी का warm-up न होना।
2. शारीरिक कमजोरी या फिटनेस में कमी।
3. खेल उपकरण की निम्नकोटि का होना।
4. खेल नियमों की ज्ञान में कमी या गलत जानकारी।
5. खेल मैदान का सही न होना।

6. खेल के रक्षात्मक उपकरणों का उचित ढंग से प्रयोग न करना या उपकरणों की स्थिति का सही न होना।

7. तरणताल में बिना जीवन रक्षक के अभ्यास करना।
8. पूर्व में लगी चोटों का उचित पुर्नस्थापना न होना।
9. प्रतिद्वन्दी खिलाड़ी या स्वयं की गलत तकनीक के कारण।
10. प्रशिक्षण या प्रतियोगिता के लिए विपरीत मौसम 
11. खिलाड़ी का प्रतियोगिता में प्रतिभागिता के लिए मानसिक रूप से तैयार न होना।
12. जिम्नेजियम की सतह का या तरणताल की सतह का सही न होना।
13. प्रशिक्षक का मैदान में अभ्यास के समय अनुपस्थिति।
14. घटिया स्तर या अनुपयुक्त खेल प्ररिधान का उपयोग करना।

ये कुछ ऐसे कारण हैं जिनसे प्रतियोगिता या अभ्यास के दौरान खिलाड़ी को चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- खेलों में लगने वाली सामान्य चोटों के विषय में आप क्या जानते हैं?
  2. प्रश्न- खेलों के दौरान चोटों की रोकथाम करने के सामान्य सिद्धान्त क्या हैं?
  3. प्रश्न- खेलों में चोट की अवधारणा से आप क्या समझते हैं?
  4. प्रश्न- खेलों में लगने वाली सामान्यतः चोटों के दो कारणों का उल्लेख कीजिये।
  5. प्रश्न- स्पोर्ट्स फिजियोथेरपी से आप क्या समझते हैं?
  6. प्रश्न- खेल चिकित्सा विज्ञान से आपका क्या अभिप्राय है?
  7. प्रश्न- एथलेटिक चोटों से आपका क्या अभिप्राय है? यह कितने प्रकार की होती हैं?
  8. प्रश्न- ट्रॉमेट्रिक इंजरी से आप क्या समझते हैं? इसके अन्तर्गत कौन-कौन सी चोटें आती हैं?
  9. प्रश्न- अवधि के आधार पर चोटें क्या हैं? यह कितने प्रकार की होती हैं?
  10. प्रश्न- ऐंठन (Cramp) से क्या अभिप्राय है? इसके क्या कारण हैं?
  11. प्रश्न- सनबर्न (Sunburn) से आपका क्या अभिप्राय है? इसके प्रमुख लक्षण और होने वाली समस्याओं का वर्णन कीजिये?
  12. प्रश्न- चोट लगने के क्या लक्षण होते हैं?
  13. प्रश्न- चोट लगने के जोखिम के प्रमुख कारक कौन-से हैं?
  14. प्रश्न- खेल में चोट से क्या तात्पर्य है। इसके विभिन्न भेदों का वर्णन कीजिए।
  15. प्रश्न- खेल चोटों के प्रकारों को स्पष्ट करते हुए डिसलोकेशन व स्प्रेन के कारण, लक्षण व उपचार का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  16. प्रश्न- सामान्य खेल चोटों के उपचार पर टिप्पणी लिखिए।
  17. प्रश्न- खेल में चोटों के प्रकार पर टिप्पणी लिखिए।
  18. प्रश्न- मुख्य खेल चोटें कौन-सी हैं? संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  19. प्रश्न- खेल चोटें पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  20. प्रश्न- खेलों में चोटें क्या होती है?
  21. प्रश्न- स्नायुबंधन मोच से आप क्या समझते है? इसके लक्षण व निदान का वर्णन कीजिये?
  22. प्रश्न- मांसपेशिय तनाव से आप क्या समझते हैं? मांसपेशिय तनाव के कारण और निवारण से संक्षिप्त लेख लिखें।
  23. प्रश्न- टेण्डन और लिंगामेन्ट में क्या अन्तर है?
  24. प्रश्न- कन्धे की अकड़न (फ्रोजन शोल्डर) से आपका क्या अभिप्राय है? इसके लक्षणों का वर्गीकरण कीजिये?
  25. प्रश्न- पीठ (पीछे) के तनाव से आप क्या समझते हैं?
  26. प्रश्न- टेनिस एल्बो से आपका क्या अभिप्राय है? टेनिस एल्बो के लक्षण और निदान का संक्षिप्त वर्णन कीजिये।
  27. प्रश्न- गोल्फर की कोहनी क्या है? इसके कारण, लक्षण और निदान पर संक्षिप्त प्रकाश डालिये?
  28. प्रश्न- टेनिस एल्बो और गोल्फर एल्बो में क्या अन्तर है?
  29. प्रश्न- "धावक का घुटना" से आपका क्या अभिप्राय है? इसके लक्षणों और उपचार को समझाइये?
  30. प्रश्न- पिंडलियों में दर्द से आपका क्या अभिप्राय है? इसके कारण व लक्षणों का वर्णन कीजिये?
  31. प्रश्न- फफोले क्या हैं? इनसे बचाव के उपाय बताये?
  32. प्रश्न- छालों से आप क्या समझते हैं? छालों के कारण, लक्षण और बचाव के सामान्य उपायों को समझाइये?
  33. प्रश्न- रक्त गुल्म क्या है? इसके कारण और लक्षणों पर प्रकाश डालिये?
  34. प्रश्न- प्राथमिक सहायता से आपका क्या अभिप्राय है? इसके क्षेत्र व आवश्यक सिद्धान्तों की विवेचना कीजिए।
  35. प्रश्न- प्राथमिक सहायक (चिकित्सक) के कर्त्तव्यों का वर्णन कीजिए।
  36. प्रश्न- प्राथमिक सहायक के गुणों पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
  37. प्रश्न- एक प्राथमिक सहायता देने वाले के रूप में आप अपने मित्र की निम्न स्थितियों में कैसे सहायता करेंगे? (1) मोच (3) घाव (2) हड्डी का टूटना (अस्थि भंग) (4) सर्प दंश या साँप का काटना।
  38. प्रश्न- रक्त स्त्राव के बाह्य और आंतरिक कारणों पर प्रकाश डालिए। आप इसके लिए प्राथमिक सहायता कैसे देंगे? स्पष्ट कीजिए।
  39. प्रश्न- खिंचाव व मोच से आप क्या समझते हैं? इसकी विस्तृत विवेचना कीजिए।
  40. प्रश्न- प्राथमिक चिकित्सा में उपचार की प्राथमिकताओं का उल्लेख करते हुए इनके आवश्यक उपकरणों का वर्णन कीजिए।
  41. प्रश्न- प्राथमिक चिकित्सा की परिभाषा एवं अर्थ स्पष्ट करते हुए एक अच्छे प्राथमिक चिकित्सक के गुणों का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- 'प्राथमिक चिकित्सा' को परिभाषित कर उसके मुख्य घटकों का उल्लेख कीजिये तथा शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद में प्राथमिक चिकित्सा की अपरिहार्यता पर समालोचनात्मक मत प्रकट कीजिये।
  43. प्रश्न- प्राथमिक उपचार का अर्थ एवं परिभाषा स्पष्ट कीजिए।
  44. प्रश्न- प्राथमिक सहायता से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  45. प्रश्न- प्राथमिक सहायता की आवश्यकता व महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  46. प्रश्न- प्राथमिक सहायता के क्षेत्र का उल्लेख कीजिए।
  47. प्रश्न- अस्थि भंग का उल्लेख कीजिए।
  48. प्रश्न- अस्थि-विस्थापन पर टिप्पणी कीजिए।
  49. प्रश्न- प्राथमिक चिकित्सक के गुणों का वर्णन कीजिए।
  50. प्रश्न- प्राथमिक चिकित्सक की प्राथमिकताएँ स्पष्ट कीजिए।
  51. प्रश्न- हड्डी उतरने पर प्राथमिक चिकित्सा पर टिप्पणी लिखिए।
  52. प्रश्न- W.H.O. पर टिप्पणी लिखिए।
  53. प्रश्न- आसन से आप क्या समझते हैं? अच्छे आसन की उपयोगिता की विवेचना कीजिए।
  54. प्रश्न- अनुचित आसन के कारणों, प्रभावों एवं हानियों को विस्तार से समझाइये |
  55. प्रश्न- आसन सम्बन्धी विकृतियों से आप क्या समझते हैं? आसन सम्बन्धी विकृतियों के कारण तथा उनके उपचार का वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- लार्डोसिस तथा सपाट पाँव के कारणों का उल्लेख कीजिये तथा इन्हें दूर करने के लिए उपचारात्मक व्यायामों का वर्णन कीजिये।
  57. प्रश्न- उचित आसन के क्या लाभ हैं? स्पष्ट कीजिए।
  58. प्रश्न- उचित आसन एवं अनुचित आसन से आप क्या समझते हैं? अनुचित आसन से हानियाँ स्पष्ट कीजिए।
  59. प्रश्न- अनुचित आसन के प्रमुख कारणों का उल्लेख कीजिए।
  60. प्रश्न- अग्रकुब्जता या धँसी हुई कमर विकृति पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  61. प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणियाँ लिखिए
  62. प्रश्न- आसन को समझाते हुए आसनीय विकृतियों के नाम लिखिए।
  63. प्रश्न- पीठ दर्द क्या है? पीठ दर्द क्यों होता है? इसके उपचार को सरल शब्दों में समझाये।
  64. प्रश्न- गर्दन के दर्द से आपका क्या अभिप्राय है? इसके कारण, उपचार और प्रमुख योगासन का वर्णन कीजिये।
  65. प्रश्न- अनुचित मुद्रा से कौन-कौन से विकार उत्पन्न हो जाते हैं?
  66. प्रश्न- अनुचित मुद्राओं को कैसे सुधारें?
  67. प्रश्न- सामान्य मुद्रा में सुधार के उपायों का वर्णन कीजिये?
  68. प्रश्न- अनुचित मुद्रा क्या है? इसके लक्षण बताइये।
  69. प्रश्न- पुनर्वास को परिभाषित करते हुए इसके उद्देश्य एवं क्षेत्र की व्याख्या कीजिए।
  70. प्रश्न- चोट पुनर्वास से आप क्या समझते हैं? विस्तृत विवेचना कीजिए। चोट पुनर्वास की विधियों पर टिप्पणी लिखिए।
  71. प्रश्न- खेल चोट पुनर्वास में ठण्डी चिकित्सा (क्रायोथेरेपी) की तकनीक व प्रभाव का वर्णन कीजिए।
  72. प्रश्न- आर. आई. सी. ई. से आप क्या समझते है?
  73. प्रश्न- DRABC से आपका क्या तात्पर्य है? इसके चरणों का वर्णन कीजिये?
  74. प्रश्न- शीत चिकित्सा पर टिप्पणी लिखिए।
  75. प्रश्न- पुनर्वास क्या है? पुनर्वास काउंसिल ऑफ इंडिया का रोल स्पष्ट कीजिए।
  76. प्रश्न- चोट पुनर्वास के लक्ष्य स्पष्ट कीजिए।
  77. प्रश्न- पट्टियों के प्रकार की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  78. प्रश्न- टैपिंग क्या है? इसके उद्देश्य, और सिद्धान्तों का संक्षेप में वर्णन कीजिये।
  79. प्रश्न- इलास्टिक चिकित्सीय टेप क्या है?
  80. प्रश्न- कायिक चिकित्सा' शब्द को परिभाषित कीजिए और इसके सहायक सिद्धान्तों को विस्तार से लिखिए।
  81. प्रश्न- शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में 'कायिक चिकित्सा' का क्या महत्त्व है?
  82. प्रश्न- कायिक चिकित्सा का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  83. प्रश्न- कायिक चिकित्सा के महत्त्व का वर्णन कीजिए।
  84. प्रश्न- प्रतिरोधी व्यायाम को स्पष्ट करते हुए इसकी तकनीकी का वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- मालिश से क्या समझते हैं? मालिश के सामान्य विचारों के बारे में संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- मालिश के प्रकार को दर्शाते हुए किन्हीं चार प्रकारों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  87. प्रश्न- मालिश के प्रभाव से आप क्या समझते हैं? शरीर के विभिन्न अंगों पर पड़ने वाले प्रभाव का वर्णन कीजिए।
  88. प्रश्न- मालिश के निम्न प्रकारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए-
  89. प्रश्न- मालिश का परिचय दीजिए।
  90. प्रश्न- मालिश के संक्षिप्त इतिहास का वर्णन कीजिए।
  91. प्रश्न- रगड़ पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  92. प्रश्न- मालिश के रक्त संचरण व पेशी तंत्र पर पड़ने वाले प्रभाव को लिखिए।
  93. प्रश्न- मालिश के सिद्धान्त पर टिप्पणी लिखिए। मालिश के सिद्धान्त क्या हैं?
  94. प्रश्न- मालिश के प्रतिषेध से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  95. प्रश्न- खेलों में मालिश पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  96. प्रश्न- जल चिकित्सा का अर्थ एवं इसका उपयोग स्पष्ट कीजिए।
  97. प्रश्न- शीत चिकित्सा या क्रायोथ्रेपी से आप क्या समझते हैं? शीत चिकित्सा की उपचार तकनीक और इलाज में उपयोग एवं प्रभाव की विवेचना कीजिए।
  98. प्रश्न- थर्मोथैरेपी उपचार के परिचय और प्रदर्शन के बारे में लिखिए।
  99. प्रश्न- थर्मोथैरेपी पर टिप्पणी लिखिए।
  100. प्रश्न- सौना स्नान का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- ठंडा और गर्म स्नान पर टिप्पणी लिखिए।
  102. प्रश्न- 'भंवर स्नान' चिकित्सा विधि का उल्लेख कीजिए।
  103. प्रश्न- भाप स्नान से आप क्या समझते हैं? इसके लाभ का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  104. प्रश्न- विद्युत चिकित्सा एवं अवरक्त चिकित्सा से आप क्या समझते हैं? इन्फ्रारेड किरणों के साथ चिकित्सा उपचार का वर्णन कीजिए।
  105. प्रश्न- डायथर्मी चिकित्सा से आपका क्या अभिप्राय है? डायधर्मी के प्रकार का वर्णन कीजिए।
  106. प्रश्न- पराबैंगनी किरणों से आप क्या समझते हैं? परागबैंगनी किरणों के द्वारा उपचार का वर्णन कीजिए।
  107. प्रश्न- विद्युत चिकित्सा पर टिप्पणी लिखिए।
  108. प्रश्न- अल्प तरंग डायथर्मी का वर्णन कीजिए।
  109. प्रश्न- इन्फ्रारेड किरणों का लाभ स्पष्ट कीजिए।
  110. प्रश्न- शार्ट वेव डायथर्मी के उपयोग को स्पष्ट कीजिए।
  111. प्रश्न- उपचारिक व्यायाम के क्षेत्र और वर्गीकरण की विवेचना कीजिए।
  112. प्रश्न- उपचारिक व्यायाम को परिभाषित कीजिए और इसके सिद्धान्तों एवं नियमों की विवेचना कीजिए।
  113. प्रश्न- मांसपेशियों के पुनर्वास और मजबूती के लिये योग आसन के साथ चिकित्सीय महत्व का वर्णन कीजिये।
  114. प्रश्न- योग में पुनर्वास क्या है? समझाइये?
  115. प्रश्न- उपचारिक व्यायाम के विभिन्न उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
  116. प्रश्न- उपचारिक व्यायामों का प्रभाव स्पष्ट कीजिए।
  117. प्रश्न- प्रतिरोधी व्यायाम से आप क्या समझते हैं? प्रतिरोधी व्यायाम की तकनीक को स्पष्ट कीजिए।
  118. प्रश्न- मुक्त व्यायाम की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
  119. प्रश्न- पुनर्वास क्या है इसकी आवश्यकता किन रोगों में होती है?
  120. प्रश्न- योग हमारे जीवन को किस प्रकार प्रभावित करता है?
  121. प्रश्न- ताड़ासन का संक्षेप में वर्णन कीजिये?
  122. प्रश्न- कुक्कुटासन की विधि और लाभ वर्णन कीजिये।

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